योग क अर्थ (Meaning of Yoga In Hindi)
योग ' संस्कृत भाषा के ' युज ' शब्द से निकला है , पि Para ज़िं जिसका अर्थ है- जोड़ना या मिलाना ( To Unite or To Join ) । योग एक साधना है जिससे व्यक्ति अपने मन मस्तिष्क व स्वयं पर नियंत्रण करता है । इसमें एक व्यक्ति की आत्मा का परम् या दिव्य आत्मा से मिलने का सम्बन्ध है । योग का अर्थ है Meaning of yoga - ' जीवात्मा का परमात्मा से एकीकरण । मन पर नियंत्रण करके शरीर को स्वस्थ रखकर व्यक्ति परम् आनंद का अनुभव करना है । योग सभी प्रकार के दु : खों को दूर करता है
योग का महत्त्व ( Importance of Yoga In Hindi)
आज व्यक्ति बहुत सारी परेशानियों से घिरा हुआ भौतिकवाद में विश्वास कर रहा है , यही भौतिकवाद उसे परेशानियों में डाल रहा है । इन भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्यक्ति दिन - रात भाग - दौड़ कर रहा है , क्योंकि व्यक्ति धन - लोलुपता का शिकार हो रहा है । आज व्यक्ति के लिए धन ही माता है , धन ही पिता तथा धन ही भगवान है । किसी ने ठीक ही कहा है- “ बाप बड़ा न भैय्या , सबसे बड़ा रुपय्या " । ऐसे व्यक्तियों के पास धन के अपार भण्डार भरे हुए हैं , लेकिन मानसिक , शारीरिक रूप से अपंग और चिन्ताग्रस्त हो चुका है । आधुनिक युगों में व्यक्ति शारीरिक , मानसिक एवं भावनात्मक समस्याओं का शिकार होता जा रहा है । बिना नींद की गोली लिए उनको नींद नहीं आती । जीवन कष्टमय हो गया है । अतः अमीर हो या गरीब , लेकिन कोई भी खुश नहीं है । किन हबार्ड ने ठीक ही कहा है , " यह बताना बड़ा कठिन है कि वह क्या चीज है जो खुशी ला सकती है , क्योंकि गरीबी एवं धन दोनों असफल हो चुके हैं । " आज हर व्यक्ति जल्दी में है , सोचने का समय किसी के पास नहीं है जिससे वह शारीरिक रूप से थक जाता है तथा मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो जाता है । इस तनाव , दबाव व थकावट से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति गलत दोस्तों का साथ या शराब का सहारा लेता है , लेकिन शान्ति की प्राप्ति की बजाय और ज्यादा तनाव , दबाव व थकावट को वापस ले आता है । खरीदी हुई शान्ति कभी सुख नहीं दे सकती , इसी कारण व्यक्ति बीमारियों का शिकार हो रहे हैं । ऐसे समय पर योगी महत्त्वपूर्ण हो सकता है । योगाभ्यास के द्वारा हम ऐसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं । ये निम्नलिखित बिन्दु योग के महत्त्व को बताते हैं
आसान ( Asana in hindi )
सुखासन ( Sukhasana )
सभी उम्र और शारीरिक कल्याण के स्तर के लोगों के लिए प्रदर्शन करना सरल है । ' सुखासन ' शब्द संस्कृत शब्द " सुखा " से लिया गया है जो " प्रसन्नता " या " आनंद " और आसन की मुद्रा का प्रतीक है । सभी आसन को तीन भागों उन्नत आसन नहीं कर सकते । मौलिक आसन से योग की शुरुआत करना अच्छा छोटा है- आधारभूत आसन , मध्यवती आसन और उन्नत आसन । शुरुआत में आप है । यह ध्यान और आराम मुद्रा है इसलिए ही सुखासन करना आसान है ।
विधि Method In Hindi
लाभ ( Benefits of Asana In Hindi )
सावधानियाँ Precautions To Be Taken In Asana IN HINDI
2. ताड़ासन ( Tadasana )
विधि Method In Hindi
लाभ ( Benefits Of Asana In Hindi)
सावधानियाँ Precautions To Be Taken In Asana In Hindi
आसान के फायदे ( Benefits Of Asana In Hindi )
1. शारीरिक शुद्धता
2. रोगों से बचाव व उपचार
( योग अनेक रोगों से बचाव ही नहीं करता , अपितु रोगों का उपचार भी करता है । योग करने में व्य, क्ति में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है । यदि एक व्यक्ति लगातार व्यायाम करता है तो वह विभिन्न बीमारियों , जैसे मधुमेह , गठियण , हृदयरोग , तनाव , पीठ दर्द तथा उच्च रक्तचाप आदि से मुक्त रह सकता है ।
3. मानसिक तनाव को कम करना
योग मानसिक तनाव भी कम करने में सहायक होता है । ज्यादातर व्यक्ति तनाव व दबाव में रहते हैं । उन्हें कहीं पर भी शान्ति नहीं मिलती । कभी कार्य का तनाव , कभी घर - परिवार का तनाव बना ही रहता है । वे सोचते हैं कि धन उनके जीवन शान्ति व खुशियां ला सकता है , लेकिन धन और अधिक तनाव पैदा कर रहा है । अत : योग ही एक ऐसा व्यायाम है जो हमें तनाव व दबाव से छुटकारा दिला सकता है । हम निम्न यौगिक क्रियाएँ जैसे प्रत्याहार , धारणा , ध्यान आदि मानसिक शान्ति प्रदान करते हैं । इसके अलावा मकरासन , शलभासन मुजगासन तनाव को कम करने में लाभदायक हो
4. नैतिक मूल्यों को बढ़ाता है
, आजकल नैतिक व आचारिक मूल्यों में कमी आती जा रही है । इस कमी को दूर करने के लिए यदि हम यम , नियम ईसी यौगिक क्रियाएं करते हैं तो सत्य , अहिंसा , चोरी न करने व सन्तोष आदि के अभ्यास से नैतिक अपना लेंगे ये गुण व्यक्ति को नैतिक तथा सदाचारी बनाते हैं । आचारिक मूल्यों को
5. शरीर को सुन्दर बनाता है
आज समाज में प्रत्येक व्यक्ति सुन्दर दिखना चाहता है , क्योंकि सुन्दर शरीर को समाज में भी प्रशंसा होती है । लेकिन आधुनिक युग में आदमी मोटा होता जा रहा है . यह समस्या बढ़ती जा रही है । इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योग काफी महत्त्वपूर्ण है । प्राणायाम मयूरासन आदि करने से चेहरे की चमक भी बढ़ती है । योग करने से व्यक्ति सुन्दर व कान्तियुक्त हो जाता है ।
6. शिथिलता प्रदान करता है
जब भी हम कोई शारीरिक या मानसिक कार्य करते हैं तो हमें थकावट होने लगती है तथा कार्यक्षमता में भी कमी आ जाती है । ऐसी स्थिति में तरोताजा होने तथा स्फूर्ति लाने के लिए शिथिलन को आवश्यकता होती है । कुछ यौगिक व्यायाम जैसे- शवासन व मकरासन शिथिलता प्राप्त करने ; जबकि पद्मासन एवं साधना मानसिक थकावट को दूर करने के लिए अच्छे
7. शरीर के आसन को ठीक रखता है
किसी भी प्रकार का आसन दोष होने के कारण व्यक्ति अपना कार्य ठीक ढंग से नहीं कर पाता । उसे ज्यादा ऊर्जा को आवश्यकता होती है जिसके कारण वह जल्दी थक जाता है । ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में खुशी से नहीं रह सकते । यदि हम नियमित रूप से योगासन करें , तो हम अपने शरीर के आसन को ठीक रख सकते हैं , जैसे बजासन , सर्वांगासन , मयूरासन , भुजगासन व धनुरासन आदि न केवल शरीर को ठीक रखते हैं बल्कि आसन सम्बन्धी दोष भी ठीक करते हैं ।
8. लचक में वृद्धि करता है
लक्क प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है । अगर व्यक्ति के शरीर में लचक होती है तो शरीर को गतिया में कुशलता
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